कुर्सी अभी भी खाली है..

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....कुर्सी अभी भी खाली है.... यह अभय भी एक अजीब शख्‍स़ हैं। एक ही इंसान के इतने मुखौटे, उसके व्‍यक्‍तित्‍व की इतनी पर्तें कैसे हो सकती हैं? उसका अच्‍छा ख़ासा क़द याने छ: फुट। उम्र पैंतीस साल पर बाल सफ़ेद होने लगे हैं और साथ ही झड़ने भी लगे हैं। क्‍यों न हो यह सब? हमेशा निन्‍यानवे के फ़ेर में पड़े रहते हैं जनाब। इस अजब-ग़ज़ब इंसान की बॉडी लेंग्‍वेज हमेशा सक्रिय रहती है। वे ज्‍य़ादा बोलने में विश्‍वास नहीं रखते, बस जो करना होता है, कर गुजरते हैं और सामनेवाला उनकी करतूतें देखकर हक्‍का-बक्‍का रह जाता है। हमेशा कुछ