दिन भर के थकान से मैं उस रेस्टोरेंट के बाहर बने चबूतरे पर बैठ गया मेरे आंखों में मुझे आज दिन भर के दृश्य याद आने लगे सुबह उठ कर मैं अपनी पत्नी सुरभि से बोला- अरे यार एक कप चाय पिला दो सर दर्द से फटा जा रहा है तब सुरभि खींचते हुए बोली- चीनी खत्म हो गई है आज ऑफिस से आते हुए लेते आना और हां मेरे मोबाइल का रिचार्ज भी करवा देना कब से बोल रही हूं लेकिन आप तो कभी कोई काम समय पर करते ही नहीं 5 दिन हो गए हैं मैंने अपने मां से