बाजूबंद

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बाज़ूबंद संभव, सुहानी और झिलमिल की छोटी सी दुनिया थी। संभव और सुहानी दोनों अच्छी नौकरी में थे और उनकी बेटी झिलमिल स्कूल में ही पढ़ रही थी। सप्ताह भर तीनों जी तोड़ मेहनत करते और रविवार के दिन फ़ुल डे मस्ती। इन तीनो की दुनिया में चौथे की जगह ही नहीं थी। फिर जाने रम्या कैसे घुसपैठिया बन इनकी जिदंगी में आ गई, फिर कुछ भी पहले जैसा नहीं रहा। इन सब में मयूर आकार वाले बाजूबंद ने भी एक अहम् भूमिका निभाई। आखिरकार हुआ क्या उसका ? जानने के लिए पढ़िए कहानी "बाजूबंद"