कौन दिलों की जाने! - 21

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कौन दिलों की जाने! इक्कीस अगले दिन सुबह जब रानी डाईनग टेबल पर नाश्ता कर रहे रमेश को दूसरा पराँठा परोसने लगी तो रमेश की दृष्टि रानी की अँगुली में चमक रही सॉलिटेयर की अँगुठी पर पड़ी। उसने पूछा — ‘यह अँगुठी कब खरीदी?' मन—ही—मन रानी अपनी बेपरवाही व मूर्खता