देस बिराना किस्त बाइस लगभग छः महीने हो गये हैं सिरदर्द को झेलते हुए। इस बीच ज्यादातर अरसा आराम ही करता रहा या तरह तरह के टैस्ट ही कराता रहा। नतीजा तो क्या ही निकलना था। वैसे सिरदर्द के साथ मैं अब स्टोर्स में पूरा पूरा दिन भी बिताने लगा हूं लेकिन मैं ही जानता हूं कि मैं कितनी तकलीफ से गुज़र रहा हूं। बचपन में भी तो ऐसे ही दर्द होता था और मैं किसी से भी कुछ नहीं कह पाता था। सारा सारा दिन दर्द से छटपटाता रहता था जैसे कोई सिर में तेज छुरियां चला रहा हो।