फिर सुनना मुझे

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अमन बिक रहे हैं अमन बिक रहे हैं , चमन बिक रहे हैं । लाशों से लेकर कपन बिक रहे हैं ।। म्ंत्रियों को देखा है खुले आम बिकते दारोगा, वकील भी हो रहे नंगे मार ले डुबकी ... हर - हर गंगे । घोटाले पर घोटाले रोज़ हो रहें हैं । अमन बिक रहे हैं , चमन बिक रहे हैं । लाशों से लेकर कपन बिक रहे हैं ।। मान बिक रहा है , ईमान बिक रहा है मसूम ब़िच्चयों का सम्मान बिक रहा है । आन बिक रही है , शान बिक रही है लूट लो कोयले की