मे और मेरे अह्सास (3) अकेले है फिर भी व्यस्त्त रहते हैं lअपने आप मे ही मस्त रहते हैं ll दिल्लगी कर ने आया है वो lजिंदगी मेरी बन गया है वो ll दिल की धड़कन मे रहते हो lकिसी के नहीं सिर्फ मेरे हो ll तुज से मिलने के अंगिनत बहाने है पास मेरे lतू भी तो बात करने के लिए हरपल तैयार है ll दिल के दरवाजे खोल दो lआज खुलके तुम हस दो ll वक़्त का खेल है सब lबस यही खेल हम नहीं खेलते ll पतंग मे याद लिखकरखुदा कोवॉट्सअपभेजा