देस बिराना किस्त इक्कीस यह इन दो ढाई साल में पहली बार हो रहा है कि मैं और मेरे ससुर इस तरह अकेले और इन्फार्मली बात कर रहे हैं। उन्होंने मेरी सेहत के बारे में पूछा है। मेरी दिनचर्या के बारे में पूछा है और मेरी उदासी का कारण जानना चाहा है। पहले तो मैं टालता हूं। उनसे आंखें मिलाने से भी बचता हूं लेकिन जब उन्होंने बहुत ज़ोर दिया है तो मैं फट पड़ा हूं। इतने अरसे से मैं घुट रहा था। कितना कुछ है जो मैं किसी से कहना चाह रहा था लेकिन आज तक कह नहीं पाया