दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें - 24

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दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें (लघु कथा-संग्रह ) 24-मैं क्यों झुकूँ ? जागृति की सात वर्षीय पोती सलोनी बड़ी प्यारी है | उसे उस नन्ही सी बच्ची में सभी गुण दिखाई देते हैं | खाना खाने की चोर सलोनी को उसकी माँ बहुत बहला-फुसलाकर खाना खिलाती | कभी कोई कहानी सुनाती तो कभी अपने साथ हुई घटना को चटखारे लेकर सुनाती | वह अपना इतना रौब मारती कि बच्ची को अपनी माँ की हर बात सही लगने लगी थी | सलोनी की माँ हर बात में अपना हाथ ऊपर रखना चाहती इसलिए सलोनी के स्वभाव में भी वही अकड़ होती जा