आओ प्रजातंत्र - प्रजातंत्र खेलें ।

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विवेक नगर के राजा मंदबुद्धि सिंह को अपने अंतिम दिनों में परमार्थ की सूझी । उन्होने महामंत्री नैन ज्योति सिंह को बुला कर कहा - महामंत्री नैन ज्योति सिंह , हम सोच रहे हैं कि अपने यहां भी पड़ोसी राज्य की तरह प्रजातंत्र स्थापित किया जाये । जनता की आवाज़ , परमात्मा की आवाज़ होती है । हमें इसे अनसुना नहीं करना चाहिये । इस विषय में आपकी क्या राय है ? महामंत्री नैन ज्योति सिंह कलयुग के कुतुबुददीन थे । उन्होंने चाणक्य बनने की भी कोशिश की थी । लेकिन , पिछले दिनों एक अन्य चाणक्य से पटखनी खाये