नारीयोत्तम नैना - 11

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नारीयोत्तम नैना भाग-11 "शादी सदैव अपने बराबर वालों के संग करना चाहिए", "पानी पीओ छानकर, वर चूनो जानकर" ऐसे ही बहूत सी कहावते महेश सोलंकी और उनके परिवार को सुनने को मिल रही था। जो निश्चित रूप से उनकी पीड़ा कई गुना बढ़ाने के लिए बहुत थी। स्मिता का ध्येर्य टूट चूका था। अब उसने अपनी जुबान खोल दी थी। सगे-संबंधी और पड़ोसी जो सोलंकी परिवार के प्रति हमदर्दी कम दिखाते, जले पर नमक अधिक छिड़कते थे। आये दिन कोई न कोई उनके घर आ धमकता था। स्मिता ने अपनी वाकपटूता और चातुर्य से सभी को मुंहतोड जवाब देना शुरू