स्टॉकर (24)कई बार जब इंसान हर तरफ से ठोकर खाता है तो फिर सही गलत के बारे में सोंचना बंद कर देता है।सूरज सिंह का वही हाल था। वकालत के पेशे में कोई खास सफलता मिल नहीं रही थी। सिवा इतने के कि अपने छोटे से घर का किराया दे सके और रूखी सूखी खा सके। वह तो इससे संतुष्ट हो भी सकता था। लेकिन जानता था कि इस स्थिति में वसुधा को घर नहीं ला