राय साहब की चौथी बेटी प्रबोध कुमार गोविल 4 ये केवल परमेश्वरी को ही नहीं, बल्कि उसके पति को भी लग रहा था कि ठेकेदारी में उसका मन नहीं लग रहा है। लेकिन शायद ऐसा लगने के जो कारण परमेश्वरी के दिल में थे, वो उसके मन में नहीं थे। उसे तो ये लगता था कि - इस काम में जितनी मेहनत है, उससे ज़्यादा बेईमानी है। इस काम में जितनी आमदनी है उतना सुकून नहीं है। इस काम को करने में वो तालीम काम नहीं आती जो स्कूल कॉलेज में दिन रात मेहनत करके ली है। शायद इसीलिए जब