औघड़ का दान - 9

(13)
  • 5.2k
  • 2.1k

औघड़ का दान प्रदीप श्रीवास्तव भाग-9 ऑफ़िस का शेष समय भी ऐसी ही तमाम बातों के कहने सुनने में बीत गया। छुट्टी होते ही वह चल दी घर को। बड़ी जल्दी में थी। इस बार भी उसके द्वारा पिछली बार का इतिहास दोहराया गया। मगर तमाम कोशिशों के बाद इस बार वह पहले की तरह जुल्फी को चैन से सुबह तक सुला न सकी। तमाम नानुकुर की लेकिन जुल्फी पुत्रोत्पत्ति के लिए अपने हिस्से की सारी मेहनत करके ही माना। और मेहनत करने के बाद कुछ ही देर में सो गया। सोफी की आंखों में नींद थी, वह सोना भी