और सूरज डूब गया राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़को को रौंदते ट्रकों की आवाज़ंे हाइवे के सुनसान वातावरण को जैसे सोते से झकझोर कर बार-बार उठा देती और सड़क भारी भरकम ट्रकोें के टायरों से बार-बार रौंदे जाने में जैसे घायल अधमरी होकर चुपचाप पड़ी हेैं जैसे कह रही हो - रौंद लो, और रौंदो....... मैं यूं ही पड़ी रहूंगी, चुपचाप बिना उफ् किये...। उसी राजमार्ग पर इन्दर का ढाबा पड़ता है जिस पर तमाम ट्रक ड्राईवर आकर अपने लम्बे सफर की थकान उतारते हेै। नहाते-धौते हैं, खाते हैं-पीते हैं और लम्बी तानकर सोते हैं। आज अभी सूरज ट्रक ड्राईवर अपना