एक लेखक की मौत

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एक लेखक की मौत संदीप तोमर वह विगत 14 सालों से ही बेहद परेशान था। इन सालों में उसने वेदना और संत्रास को झेला था। कलह के वातावरण ने उसे अन्दर तक खोखला जो कर दिया था, उसने लगभग निर्णय कर ही लिया था कि बस अब और नहीं, अब वह अपनी जीवनलीला समाप्त कर देगा। उसने एक खास दोस्त अंकिता को मोबाइल पर मैसेज टाइप किया। हाँ, अंकिता ही थी, जिससे वह तनाव के पलों को शेयर कर लिया करता था। "कल से सोच रहा हूँ कि सुसाइड कर लूँ।" "अरे" "सच मे यारा"- अंकिता को यारा शब्द सुनना