मुख़बिर राजनारायण बोहरे (24) तोमर तब रात के तीन बजे होंगे जब रघुवंशी की धीमी सी आवाज सुनी मैने । शायद सिन्हा ने उन दिनों की कोई बात छेड़ दी थी सो रघुवंशी धीरे धीरे कुछ सुना रहा था-‘‘ उन दिनों मै उसी थाने का इंचार्ज था और वहीं तोमर डकैती उन्मूलन टीम का इंचार्ज था । उसका डेरा उन दिनों मेरे थाने में ही था । मुझे तो पूरी घटना पता है । हुआ ये कि ‘‘…… इसके साथ रघुवंशी ने उन दिनों का वाकया सुनाना शुरू कर दिया। तोमर जिला मुकाम से लौटा तो बेहद परेशान था उस