एक जिंदगी - दो चाहतें - 32

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एक जिंदगी - दो चाहतें विनीता राहुरीकर अध्याय-32 फिल्म खत्म होने के बाद दोनों फूड कोर्ट में आ गये। साढ़े तीन बज गये थे। भूख जम कर लगी थी। परम ने तनु की पसंद का खाना ऑर्डर किया और तनु की सामने वाली कुर्सी पर बैठ गया। थोड़ी ही देर बाद खाना आ गया। दोनों ने खाना खत्म किया और मॉल से बाहर आ गये। साढ़े चार बज रहे थे। बाहर अच्छी तेज धूप थी। परम इस्कॉन मंदिर जाने वाले रास्ते पर आ गया। पहले भी कई बार वो तनु के साथ यहाँ आ चुका था। उसे तनु के साथ