दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें - 16

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दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें (लघु कथा-संग्रह ) 16-गुड़िया का ब्याह शायद विधाता ने ही लड़कियों में विशिष्टता भरकर उन्हें सँवारा है कि वे सदा गुड़ियों के और अपने और साज-श्रृंगार के प्रति आकर्षित व सचेत रहती हैं | आभा जब अपनी बिटिया मीनू को मंहगी गुड़ियों से खेलते देखती है, उसे अपने बचपन के दिन याद आते हैं |एक आम घर में मीनू का जन्म हुआ था, पिता उस छोटे से शहर के पोस्ट-ऑफ़िस के पोस्टमास्टर थे | यूँ तो उनके पास कई लोग थे पोस्टऑफ़िस का काम करने वाले पर बच्चों को अपने काम स्वयं ही करने का आदेश था,