ठौर ठिकाना - 2

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ठौर ठिकाना (2) घर पहुँचते पहुँचते देर हो गई. कमला ने खाने को पूछा भी मना कर दिया मैने. सुबह जल्दी जाना भी था बस एक कप चाय पी कर सो गई. इन्ही सब उलझनों में रात को नींद ही नहीं आई. सुबह आठ बजे ही मनोज का फोन आ गया उसे लग रहा था कहीं मै देर न कर दूँ आने में. तैयार हो कर मैने जल्दी जल्दी नाश्ते की खानापूरी की देर हो रही थी अभी रास्ते में मेडिकल शाप पर भी रुकना था एडल्ट डाइपर का पैकेट लेना था. नौ बजने से जरा पहले ही वहां पहुँच गई