सत्या - 18

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सत्या 18 देशी शराब के ठेके के बाहर औरतों की भीड़ खड़ी शोर कर रही थी. अधिकांश के हाथों में लाठियाँ थीं, जिसे वे बार-बार ज़मीन पर पटक कर एक ताल में ठक-ठक ध्वनि कर रही थीं. कालिया दुकान के बाहर खड़ा उनको देख कर हँस रहा था. सविता ने कहा, “कालिया भाई, आप ये दुकान बस्ती से हटा लीजिए. अब हम यहाँ शराब बिकने नहीं देंगे.” कालिया ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा, “बोर्ड पढ़ने आता है? बोर्ड पढ़ो,” उसने ख़ुद पढ़ा, “देखो लिखा है देशी शराब का सरकारी दुकान. सरकार हमको लाइसेंस दिया है. हमको यहाँ दारू बेचने से