देस बिराना - 11

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देस बिराना किस्त ग्यारह गोल्डी के इस तरह अचानक चले जाने से मैं खाली-खाली सा महसूस करने लगा हूं। हर बार मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है कि मेरे दिल को हर आदमी खेल का मैदान समझ कर दो चार किक लगा जाता है। जब तक अकेला था, अपने आप में खुश था। किसी के भरोसे तो नहीं था और न किसी का इंतज़ार ही रहता था। गोल्डी ने आ कर पहले मेरी उम्मीदें बढ़ायीं। यकायक चले जा कर मेरे सारे अनुशासन तहस-नहस कर गयी है। पहले सिर्फ अकेलापन था, अब उसमें खालीपन भी जुड़ गया है जो मुझे