फ़ैसला (12) आज वह दिन आ गया जब उसे खन्ना जी के कोर्ट जाना था। सिद्धेश ने सबेरे ही उनको फोन करके याद दिला दिया। फिर नौ बजे घर से निकलने के लिए तैयार हो गया। उसके घर से निकलने के समय फिर सुगन्धा सिद्धेश की ओर प्रश्नवाचक मुद्रा में देखा लेकिन बोली कुछ नहीं। सिद्धेश भी इस बात को समझ गया कि यह कुछ पूंछना चाहती है परन्तु उसको अधिक महत्व न देते हुए वह शीघ्रता से कार के पास पहुंच गया। प्रतिदिन की तरह भोला ने उसका बैग लाकर गाड़ी में रखा इसके बाद वह कोर्ट के लिए