इज़हार

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इज़हार हैलो, निखिल...किस सोच में डूबे हो। - इंदु ने निखिल को चुपचाप बैठे देखकर पूछा। रूचि और सुरेश भी उसके पीछे-पीछे पहुँच गए। कुछ खास नहीं, बस यूँ ही बैठा था। - निखिल ने उन तीनों को पास पड़े डेस्क पर बैठने का इशारा करते हुए कहा। फरवरी का अंतिम सप्ताह चल रहा था। सुबह-सुबह मौसम में थोड़ी ठंडक थी, ऐसे में सुबह की गुनगुनी धूप में बैठना आनन्ददायक था। निखिल भी कॉलेज की कक्षा शुरू होने से पहले इसी धूप का आनन्द ले रहा था। इंदु, रूचि, सुरेश और निखिल चारों अच्छे दोस्त थे। सुरेश और निखिल तो