"कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले" के फर्स्ट पार्ट में हमने पढ़ा रोहन अपनी मेहनत और लगन से कैसे जॉब के लिए कई जगह अप्लाइ करता है और उसने कई कंपनी में इंटरव्यू दिए और वह इन सब में पूछे सवाल-जवाब को, अपने मन में अनॅलिसिस कर उन पर कन्सिडर कर खुद को इंप्रूव करने के कोशिश करता है। दूसरा पार्ट शुरू करने से पहले मैं एक उद्धरण से शुरू करूँगा| "सोच ही एक ऐसी सीढ़ी है,जो इंसान को खुद से और दुनिया कोउससे जोड़ती है।" रोहन की सोच खुद की अपनी है, वह जो