बेनाम लफ्ज़

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नमस्कार दोस्तो,ये मेरी कुछ शायरी और नज़्म है। आप इसे एकबार पढ़े और आपका मंतव्य मुझे जरूर दे ताकि मै और अच्छी नज़्म लिखने का प्रयास करता रहूं । आपका दोस्त भार्गव जोशी "बेनाम" --------------------------------आदत ये तेरी मुस्कुराने की वजह सब जानते नहीं,दर्द तेरे हिस्से भी है मगर ये सब पहचानते भी नहीं।=×=×=×= =×=×=×= =×=×=×= =×=×=×=ये आदतें रोज मेखानो में