तानाजी’- फिल्म रिव्यू - सफलता का ‘भगवा’ लहेराएगा..?

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ऐतिहासिक फिल्म बनाना तलवार की धार पर चलने जितना मुश्किल है. करोडो खर्च करने के बावजूद एसी फिल्मों के बोक्सऑफिस पर असफल होने की संभावनाएं ज्यादा होतीं है. संजय लीला भंसाली जैसा एकाद ही सर्जक है जो बार बार देखनेलायक और सुपरहिट ऐतिहासिक फिल्में बना सकता है, बाकी ज्यादातर आशुतोष गोवारिकर जैसे ही होते है जो दर्शनीय ‘जोधा अकबर’ के बाद ‘मोहेंजो दारो’ जैसी बकवास और ‘पानीपत’ जैसी औसतन पिरियड फिल्म देकर दर्शकों को निराश करते है. मराठी एक्टर-लेखक-निर्देशक ओम राउत अपनी पहेली ही हिन्दी फिल्म में एक ऐतिहासिक विषय को प्रस्तुत कर रहे है. क्या वो कामियाब हुए