आधी रात में सुमति की आंखें खुल जाती है, वजह थी ठंड। बारिश के साथ तेज हवाएं अब भी चल रही थी। वह कुछ समय तक यूहीं घुटने सिन से चिपकाए कांपती रही। पर बाद में ठंड सहन न होने से वह चिंटू को उठाती है। सुमति- चिंटू... चिंटू उठो। चिंटू सुमति की आवाज सुनकर तुरंत उठ बैठा। वह सुमति को देखकर पहले तो घबरा जाता है। फिर तुरंत ही अपनी रजाई उसके ऊपर डाल देता है। वह आसपास देखता है कुछ और मिल जाए सुमति को ओढ़ाने के लिए। पर वहा कुछ नहीं था। फिर वह कमरे में रखी