मेरी शेरों-शायरी

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1.तुम्हें देखे कोई और,मेरे दिल में,जलना वाजिब है।कैसे बताऊं तुम्हें मेरे दिल पर,तेरा राज काबिज़ है। 2.मत पूंछो मेरी उड़ान कहाँ तक होगी।देखकर मेरी मंजिल को दुनिया हैरान जरूर होगी।। 3.क्यों अल्फाज़ों को गूँथना बोल रहा हूँ।कुछ तो है जो धीरे धीरे से खो रहा हूँ।। 4.ए हसरत-ए-अंजाम पालने वाले,पूछ जरा वक्त के आईने से।हर