कौन दिलों की जाने! - 6

  • 5.1k
  • 2k

कौन दिलों की जाने! छः 31 दिसम्बर रात को आठ बजे प्रधानमन्त्री जी का राष्ट्र के नाम सन्देश प्रसारित होना था, इसलिये आलोक ने सात बजे ही सामने वाले ‘तन्दूर' से दाल—सब्जी व दो चपातियाँ मँगवा लीं। वैसे भी आलोक को रात का खाना जल्दी खाने की आदत है। इससे सोने से पूर्व खाना अच्छी तरह पच जाता है और नींद भी बढ़िया आती है। खाने से निवृत होकर टी.वी. ऑन करके रजाई ओढ़ ली। ठीक आठ बजे प्रधानमन्त्री का राष्ट्र के नाम सम्बोधन प्रारम्भ हुआ। प्रधानमन्त्री ने देशवासियों को नव—वर्ष की शुभ कामनाएँ व बधाई देने के उपरान्त 500