फ़ैसला (9) देर रात में सोने के बाद भी सिद्धेश सबेरे 8 बजे ही उठ गया। उसने सबसे पहले सुगन्धा के कमरे को जाकर देखा। वह नहाकर आते हुए उसे दिख गयी। फिर वह अपने कमरे में आकर डा. के.डी. को फोन मिलाने लग गया। कई बार तो फोन इंगेज जा रहा था। लेकिन डा. के.डी. को यह बताना आवश्यक था कि सुगन्धा की जो मनोस्थिति हुई इसका कारण क्या था। कुछ देर बाद काफी प्रयासों के डा. के.डी. का फोन मिल गया। फिर सिद्धेश ने सुगन्धा का अतीत डा. के.डी. को बताया। दोनों की आपसी बातचीत से यही निष्कर्ष