राहबाज - 6

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रोजी की राह्गिरी (6) कोई मिल गया वो दिन भी और दिनों की ही तरह था. मैं और कार्ल अपने-अपने काम में लगे थे और शाम उतर आयी थी. ये वो दिन थे जब हमने साथ घर जाना शुरू कर दिया था. कम से कम हफ्ते में दो बार. आज भी जब दिन में मेरा सामना कार्ल से हुआ था किसी काम के सिलसिले में तो मैंने कहा था कि शाम को वो मेरे साथ ही चले. आज हमें एक पार्टी में जाना था. कुछ कारोबारी दोस्तों की पार्टी थी. बोरिंग और कामकाजी. ऐसी पार्टियों में मैं कार्ल के साथ