भगवान की भूल - 7

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भगवान की भूल प्रदीप श्रीवास्तव भाग-7 अगले दिन रविवार था छुट्टी थी और वह दोनों आ धमकीं। दोनों मेरे लिए मिठाई-फल लेकर आई थीं। रौब झाड़ने के लिए पति की नीली बत्ती लगी गाड़ी से आईं थीं। जो पड़ोसियों के लिए कौतुहल का विषय बन गई। मां-बेटी में न जाने कैसा जादू था कि सामने आते ही पल में मेरा गुस्सा छूमंतर हो गया। आधे घंटे में दोनों मुझे अपने वश में करके चल दीं। दोनों मेरी सौ पेंटिंग्स की सीरीज की बात कहना नहीं भूली। मेरे लाख मना करने पर अंततः यह हामी भरवा ही ली कि सोचने दीजिए।