इस दश्‍त में एक शहर था - 3

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इस दश्‍त में एक शहर था अमिताभ मिश्र (3) हुआ दरअसल यूं था कि आजादी के आन्दोलन के दौरान गांधी के संघर्ष के तरीके से जो सहमत नहीं थे और जो आजादी के आंदोलन में हिस्सा भी नहीं ले रहे थे ऐसे यथास्थितिवादी उच्च वर्ग के हिन्दूओं ने अपने आप को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीब पाया, जिनके लिए अंग्रेजों या उपनिवेशवादी साम्राज्यवाद से ज्यादा बड़े दुश्‍मन विधर्मी थे खासतौर पर मुसलमान जो देश में ही रह रहे पीढि्यों से उन्‍हीं के आस पडौ्स में । और वे धर्म की रक्षा के लिए हिन्दू महासभा से जुड़े और जुड़े 1925 में