नारीयोत्तम नैना भाग-2 निश्चित ही यह अति संवेदनशील और दो धारी तलवार के समान परिणाम देने के जैसा कार्य था। 'नैना की ट्यूशन में बच्चें अधिक बिगड़ैल हो गये है' इस कलंक को धोना भी नैना के लिए परम आवश्यक था। अतः अपनी कार्ययोजना में उसने अवनी को सम्मिलित कर योजना पर क्रियान्वयन आरंभ कर दिया। शाम का समय था। विशेष आज तीस मिनीट पहले ही नैना के घर आ पहूंचा था। नैना अभी-अभी काॅलेज से लौटी थी। थकान से चूर उसने लापरवाही में अपने बेडरूम का दरवाजा खुला छोड़ दिया था। नैना कोचिंग क्लास लेने के पुर्व स्नान करना