उसका आकाश धुँधला है..... सुधा ओम ढींगरा वर्षों पहले उन दोनों ने कुछ निर्णय लिए थे और एक दूसरे को पत्र लिखने का बचन दिया था। जिसे वे ईमेल के इस युग में भी निभा रही हैं। दोनों ही घर -गृहस्थी वाली हैं। पत्रों में देर- सवेर हो जाती है। सप्ताहों का और कभी महीनों का सूखा पड़ जाता है, तो कभी पत्रों की बाढ़ आ जाती है। पर यह क्रम कई वर्षों से निरन्तर चल रहा है। दोनों को बचपन से ही पत्र लिखने का शौक है। सुन्दर लेखनी और बढ़िया विषय के साथ पत्र लिखने की उनकी प्रतियोगिता