दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें (लघु कथा-संग्रह ) 7-दाल-चावल शुभा को किसी काम से बेटी के साथ कलकत्ता जाना पड़ा बेटी तो अपनी कॉलेज-लाइफ़ में भी कलकत्ता गई थी लेकिन उस समय वह एन. सी. सी के ग्रुप के साथ रेलगाड़ी में गई थी शरारतें करते, शोर मचाते सब युवा लगभग ढाई दिनों में कलकत्ता पहुंचे थे इस बार माँ के साथ वह हवाई-यात्रा कर रही थी टिकिट के साथ लंच इंक्लूड नहीं था भूख लगी थी कुछ तो खाना ही था वैसे ही हवाईजहाज़ का खाना दोनों माँ-बेटी में से किसीको पसंद न था