इस दश्त में एक शहर था अमिताभ मिश्र स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी परिघटना संयुक्त परिवारों का टूटना और एकल परिवार का बनना है गजानन माधव मुक्तिबोध प्रस्तावना या भूमिका (इतिहास और भूगोल) यह जो कुछ आपाधापी, रेलमपेल, धूल धुंआ, मारामारी आज इस सड़क पर दिखाई देती है कि इस पार से उस पार जाने में कम से कम दस मिनट और अधिक से अधिक पूरा दिन लग सकता है, पहले ऐसा नहीं था। तब यह इलाका शहर के बाहर था, शहर से बहुत दूर था यह इलाका। आज से तकरीबन तीस चालीस साल पहले यह इलाका काफी शांत था।