सत्या 12 सुबह का समय. एक ऑटोरिक्शा आकर रुकी. सत्या के साथ गोमती और एक और व्यक्ति उतरे. सत्या ने सविता को आवाज़ दी. वह बाहर आई. दोनों बच्चे भी साथ थे. सत्या ने जल्दी-जल्दी कहा, “सविता तुम तैयार हो जाओ. अस्पताल जाना है,” समोसे और जिलेबी का पैकेट बढ़ाते हुए सत्या ने आगे कहा, “पहले तुमलोग कुछ खा लो. ...और गोमती मौसी शाम को पाँच बजे तैयार रहना. आपको ही रात में रुकना होगा. ...निरंजन थोड़ा और कष्ट करना होगा भाई. सविता को ज़रा अस्पताल छोड़ आना.” सब चले गए तो सविता ने पूछा, “मीरा कैसी है?” सत्या, “सीरियस