तोरा मन दर्पण कहलाये

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दो बहनें, न कोई बड़ी न कोई छोटी। दरअसल जुड़वां, मालविका और मधुलिका। एक सी शक्लें, कद काठी और रंगत। बचपन में माँ ने खूब गलतियां की होंगी इन्हे पालने में। एक सी दिखने वाली इन बच्चियों को ले कर जरूर दिग्भ्रमित होती होंगी। जरूर कोई भूखी रह जाती होगी और कोई जबरदस्ती दो बार दूध पी लेती होगी। उनकी माँ के पास तो किस्सों का भंडार रहा होगा इनकी परवरिश का। ये जहाँ जाती होंगी लोग गेम खेलना शुरू कर देते होगें। पर किस्मत ने दो अलग-अलग रंगों की स्याही से लिखी थी, जिदंगी। क्या वाक़ई किस्मत ने या कुछ और ने ? पढ़िए