अमर प्रेम - 12

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तुम तो मेरी जान हो, मेरा ईमान हो मैं तो बस यह चाहता हूँ की तुम हमेशा खुश रहो सुरक्षित रहो इसलिए जब तुम मुझसे दूर होती हो न तो मुझे हर पल तुम्हारी चिंता लगी रहती है। अब आगे का क्या सोचा है तुमने यहीं रहने का इरादा है या हम वापस जाएँगे सब एक साथ अभी कुछ ही दिनों मेन मेरी छुट्टियाँ समाप्त हो जाएंगी फिर मुझे पापा के साथ भारत वापस लौटना होगा। यह सुनकर अंजलि का चेहरा एक डैम से उदास हो जाता है और वह उसी उदास चेहरे से राहुल से कहती है मैंने तुम्हें बताया तो था की छह महीने तो मुझे यहाँ रहना है होगा।