एक सार्थक पहल के लिए

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एक सार्थक पहल !------ --------'अगली गोष्ठी में काव्या जी अपनी कहानी का वाचन करेंगी.', सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया और गोष्ठी समाप्त हो गयी.'काव्या जी,... ' डॉ. ललित ने विदा लेते हुए कहा, ' अगली गोष्ठी में आपकी सार्थक कहानी सुनने का अवसर मिलेगा.' काव्या ने जैसे असमंजस की स्थिति में उनके निमंत्रण को मौन स्वीकृति दे दी. एक निरर्थक जीवन पर सार्थक कहानी कैसे लिखी जा सकती है ? जबकि कहानी की विषयवस्तु स्वयं के जीवन पर आधारित हो. काव्या को लगा मानो परीक्षा की घडी आ गयी.महीने में एक बार होने वाली इस गोष्ठी में कोई नामचीन कथाकार