तस्वीर प्रवेश द्वार खुलते ही पन्द्रह बाई बारह का हॉल कम डाइनिंग रूम, उससे जुड़ी आधुनिक रसोई, साथ में लगा हुआ स्नानागार, जिसका एक द्वार दस बाई बारह के एक शयनकक्ष में खुलता था। उसी कक्ष से जुड़ा एक और कक्ष, जिनके दरवाजे बालकनी में खुलते थे। चमचमाती टाइल्स, रोशनी का उचित प्रबंध था। एक अच्छी सोसाइटी में तीसरे माले पर स्थित वह फ्लैट मानस को बेहद पसंद आया था। उसने सराहना भरी दृष्टि से अपनी पत्नी कुहू की ओर देखा। " क्या ख्याल है कुहू?" " उहुँ, मुझे नही पसन्द