दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें - 2

  • 11.3k
  • 1
  • 6.5k

दिल किसी का भी हो, कभी खुश होता है, कभी दुखी ! कभी छलनी हो जाता है, कभी उछलने लगता है पता नहीं उसके दिल की ज़मीन पर उसका नाम लिखा गया था या नहीं ? पर जल्दबाज़ी इतनी कि अभी न मिली तो न जाने कहर ही बरप जाएगी