अधूरी हवस - 14

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(14) कहानी आगे बढ़ाते हैं, राज और आकाश 600km की सफर करके थके हारे सो जाते हैं, ******* उधर मिताली को कुछ सूज ही नहीं रहा क्या करे राज के मिलन की वोह बावरी हो जा रही है, घर के काम निपटाने की जल्दी हे उसे, घर के रेडियो पे गाना बज रहा है "सजना हे मुजे सजना के लिए......." जेसे उसके दिल की फर्माइश रेडियो वालो को पता चल चुकी हो, ग्यारह कब बजे और कब राज से बात हो, बार बार घड़ी की और देखे जा रही है, एक एक पल सदियों सा लगता है, जेसे घड़ी