शौकीलाल जी ने लापरवाही से जवाब दिया-' अरे छोड़ो यार, अब तो लोक सेवा आयोग, बैंकिंग सेवा आदि त्यागकर लड़के इसी की तैयारी करने लगे हैं। अमीर बनने का शार्टकट रास्ता हो तो कोई लम्बी दूरी क्यों तय करना चाहेगा ? और मैं तो खैर मामूली शिक्षक चयन की तैयारी ही छोड़ी है। एक बार.....सिर्फ एक बार हाट शीट पर बैठने का चांस मिल जाए तो फिर देखना कितने शिक्षक मेरे घर पानी भरते नजर आएंगे। '-' हाँ, सो तो है। लेकिन इस तरह से तैयारी करने से कुछ नहीं होगा। व्यावहारिक तैयारी जरूरी है।' मैंने विरोध करना छोड़कर उनके