आधुनिक मध्यम वर्गीय परिवारों में इतनी-सी सम्पन्नता तो आ ही गयी है कि वह विज्ञापनों से प्रभावित होकर बाजार के हवाले हो जाते हैं और अपने बच्चों को हर वह चीज/सुविधा उपलब्ध करवाना चाहते हैं जिनसे वह बचपन में अछूते रह गए थे| अब इसे आधुनिकता का जनून कहे या आधुनिक और संपन्न होने का दिखावा, आज ढ़ाई-तीन साल के बच्चों को भी हमनें स्मार्ट फोन थमा रखा है| इसके पीछे के बड़ा कारण यह भी हो सकता है कि वर्तमान आधुनिक माता-पिता में बच्चो की प्यारी जिद्द या उनके द्वारा बार-बार दोहराये जाने वाले प्रश्नो का सामना करने की