-----अध्याय ३. दोगलापन ----- हमेशा पूरा ज्ञान नारी को ही क्यों दिया जाता है? पुरुषों को पूरा ज्ञान क्यों नहीं दिया जाता? ये करो, वो करो यह सब स्त्रियों को ही बोला जाता है, आखिर क्यों? क्या वह प्राणी नहीं है? क्या उसमें जी नहीं है? क्या उसमें मन नहीं है और ये कहीं और बाहर शुरू नहीं होता यह अपने खुद के घर से ही शुरू होता है और तो और अधिकतर यह जन्म के पूर्व से ही शुरू हो जाता है, घर के अधिकतर लोग चाहते हैं कि आने वाला बच्चा लड़का हो आखिर क्यों? ------ यही