स्वप्निल मुझे डर लग रहा है अगर घरवालों को पता चल गया कि हम जिंदा है तो जिंदा जला देंगे हमें।"भयातुर हो लावण्या ने कहा।"ऐसा कुछ नहीं होगा मुझ पर भरोसा तो है ना!"उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर स्वप्निल ने कहा।"हाँ!"अपनी आँखों में चिंता को छिपाती वह बोली।उसके चेहरे पर अपने चेहरे को झुका कर स्वप्निल ने माथे पर एक चुंबन दे दिया।दोनों की धड़कनें बढने लगी।होंठ दहक रहे।स्वप्निल के होंठ लावण्या के होंठों छूने लगे।वह शरमा कर हट गई।"क्या हुआ लावण्या?""कुछ नहीं।""फिर ऐसे दूर क्यों चली गयी करीब आओ ना!""नहीं स्वप्निल।यह नजदीकी हमें रूसवा कर देगी।अभी हमारी