एक जिंदगी - दो चाहतें - 10

  • 7.7k
  • 1
  • 1.8k

दोनों बहुत सारी बाते करते। अक्सर ही परम अपने स्कूल कॉलेज के दिनों की बातें बताता कि कैसे वह स्कूल और मुहल्ले में मारपीट करने के लिए बदनाम था। उसके घर आए दिन शिकायतें पहुँचती थी। पिताजी तो नहीं मगर माँ उसे खूब जली कटी सुनाती थी। पढऩे में परम जितना अच्छा था स्पोट्र्स में उससे भी तेज था। उसका बक्सा ढेर सारे सर्टिफिकेट्स और मेडल्स से भरा पड़ा था।